प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति ज़ी जिनपिंग ने तमिलनाडु के प्रसिद्ध ममल्लापुरम में खूबसूरत बीच रिसॉर्ट में 2 दिन के अनौपचारिक बैठक के पहले दिन का समापन किया। दोनों नेताओं ने बिजिनेस, रक्षा और बढ़ते आतंक पर चर्चा की। अनौपचारिक सम्मेलन ऐतिहासिक शहर ममल्लापुरम में आयोजित किया गया था, जहां पीएम और ज़ी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र के हेरिटेज मंदिर परिसर का दौरा किया, कल्चरल शो देखा और अन्य ज़रूरी मुद्दों पर बातचीत की।
तमिलनाडु के कोस्टल शहरों और चीन के फ़ुज़ियान प्रोविंस के बीच लंबे समय से बिज़नेस और कल्चरल लिंक के साथ भारत-चीन दोनों के लिए एक विशेष स्थान था। समिट में कई महत्वपूर्ण चर्चाओं और निर्णयों के बीच, 2 देशों के बीच, ज़ी जिंगपिंग और मोदी दोनों ने कहा कि भारत और चीन को अब भविष्य की ओर देखने की जरूरत है।
समिट के प्रमुख हाइलाइट्स :
-सबसे महत्वपूर्ण चर्चा – व्यापार घाटे को कम करना, बाइलेटरल इन्वेस्मेंट में सुधार करने का प्रस्ताव दिया गया।
– दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना होगा।
– दोनों देशों के नेताओं ने आतंकवाद को ख़त्म करने के लिए मिलिट्री सपोर्ट के विषय में बात की ।जल्द ही चीन की यात्रा के लिए भारतीय रक्षा मंत्री को निमंत्रण दिया गया है।
– कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाया गया और न ही चर्चा हुई।
-राष्ट्रपति ज़ी ने कहा कि मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी।
-दोनों देशों के नागरिकों को म्यूच्यूअल बेनिफिट संबंधों में लाया जाना चाहिए। लोगों से लोगों के बीच संपर्क के लिए 70 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि पर्यटन पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।
-जलवायु परिवर्तन पर, मोदी और ज़ी ने अपने-अपने देशों में वैश्विक डेवलपमेंटल चैलेंजेज़ और विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर जोर दिया।
-पीएम नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति ज़ी जिनपिंग को हाथ से बुने रेशम के चित्र भेंट किए। चित्र तमिलनाडु के कोयम्बटूर के बुनकरों द्वारा बनाया गया है।
दोनों नेताओं के बीच की समिट बहुत लाभदायक थी और पीएम मोदी ने कहा, “हमने तय किया है कि हम अपने मतभेदों का विवेकपूर्ण तरीके से प्रबंधन करेंगे और उन्हें विवादों में बदलने की अनुमति नहीं देंगे।”