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भारत की सबसे ऊँची साइकिल बनाकर इस शख़्स ने बनाए कई सारे रिकॉर्ड

भारत की सबसे ऊँची साइकिल बनाकर इस शख़्स ने बनाए कई सारे रिकॉर्ड September 13, 2019Leave a comment

हम सभी जिंदगी में कुछ नया या कुछ अलग करना चाहते हैं , पर ये हर किसीके लिए मुमकिन नहीं होता. इसके लिए दृढ़ निश्चय और ईमानदारी से कोशिश करनी पड़ती है. इस बात को सच कर दिखाया है चंडीगढ़ के 40 साल के साइक्लिस्ट राजीव कुमार उर्फ जॉनी ने. जब वो सड़क पर अपनी यूनिक साइकिल पर सवार होकर निकलते हैं तो देखने वालों के मुंह से निकलता है OMG !
ये आम साइकिल नहीं बल्कि राजीव ने इसे खुद डिज़ाइन किया है और इसकी ऊंचाई है 9 फिट 6 इंच. राजीव कोई इंजीनियर नहीं हैं, पर ज़रूरत और कुछ कर गुज़रने की चाहत में उन्होंने ये साइकिल बनाई. उन्हें इसे बनाने के लिए करीब 2 साल लगे और 1 लाख रुपए की लागत लगी . इस साइकिल की स्पीड 20-25 किलोमीटर प्रति घंटा है.

इस वजह से बनाई ऐसी यूनिक साइकिल

इस साइकिल को बनाने का विकल्प राजीव को बचपन में ही आया. अपनी स्कूल में ये सबसे ऊँचे थे और साइकिल पर इनके ठीक से पैर नहीं पोहोच पाते थे. तभी इन्होंने अपनी साइकिल की सीट ऊँची की और उसके हिसाब से पैडल्स एडजस्ट कर दिए. उसी दिन से इनका साइकिल बनाने का शौक शुरू हुआ. अपनी अंकल के दुकान पर जाकर एक्सपेरिमेंट करते थे और इस तरह इन्होंने 1995 में अपनी पहली साइकिल बनाई. फिर बड़े होते-होते इनका यह शौक साइकिल को एक खास डिजाइन देने में बदलता चला गया. राजीव अबतक 5 बार अलग-अलग डिज़ाइन की साइकिल बना चुके हैं. 2013 में राजीव ने 8 फिट 6 इंच ऊँची और 9.6 मीटर लंबी साइकिल बनाई . 3 चैन वाली इस साइकिल की सीट को 10 फिट तक एडजस्ट कर सकते हैं.

PC: BarcroftTv

अबतक बनाए इतने रिकॉर्ड

राजीव इस साइकिल से सिर्फ शहर में नहीं बल्कि चंडीगढ़ से लुधियाना, दिल्ली ,नवांशहर, शिमला में भी सफर कर चुके हैं. 2001 में पहली बार चंडीगढ़ से दिल्ली 16 घंटे में , उसके बाद शिमला से कालका 6 घंटे में सफर पूरा किया था. फरवरी 2019 में राजीव ने चंडीगढ़ से मुंबई (1,654.8 किलोमीटर) का सफर 20 दिन में पूरा किया. इस क्रिएटिविटी के लिए राजीव का अबतक लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और यूनीक वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. राजीव का अगला मिशन गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना हैं और इसके लिए वो कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर तय करेंगे वो भी सिर्फ 30 दिनों में . हालांकि मौजूदा साइकिल का वज़न ज़्यादा होने कि वजह से इसे पहाड़ी रास्तों पर चलाना बेहद मुश्किल है, इसलिए इन्होंने एक नई साइकिल डिज़ाइन की है, जिसका वज़न 25-30 किलो होगा.
अपने साइकिलिंग के माध्यम से राजीव यंग जनरेशन को प्रेरित करना चाहते हैं. ताकि हर कोई हफ्ते में कम से कम एक दिन साइकिल चलाकर पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना योगदान दे.

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