Editors Choice Factcheck Featured देश

मेट्रो सिटीज़ “मॉडर्न” नहीं हैं, एक सिंगल लड़की जो एक घर और थोड़ी प्राइवेसी ढूंढ रही है उससे पूछ कर तो देखिए!

मेट्रो सिटीज़ “मॉडर्न” नहीं हैं, एक सिंगल लड़की जो एक घर और थोड़ी प्राइवेसी ढूंढ रही है उससे पूछ कर तो देखिए! July 29, 2019Leave a comment

मैं अभी हाल ही में हाउस-हंटिंग करने निकली थी, मानो ये एक सिंग्कल औरत के लिए सबसे बड़ी परेशानी होगी। तरह तरह के सवालों के जवाब जो मुझे शायद नहीं देने पड़ते अगर मैं एक लड़का होती!

Image result for girl's photo silhouette

साल 2019 आ गया है, तो आपको लगता होगा रहने के लिए जगह ढूंढ़ना आसान काम है। आप गलत हैं, और यहाँ हम बात कर रहे हैं दिल्ली शहर की।

एक लड़की होकर घर ढूंढ़ना, ये एक्सपीरियंस मेरे लिए बड़ा ही दिमाग ख़राब करने वाला रहा, जहाँ मकान-मालिक/लैंडलॉर्ड्स सीधा मेरे रिलेशनशिप पे प्रश्न खड़ा कर देते हैं।

ज़्यादा दुःख की बात है कि ये बात सिर्फ यहाँ ख़त्म नहीं होती।

दारू से ले के पार्टी-हैबिट्स, काम से ले के फैमिली, जॉब की टाइमिंग मेरा बाकी के दिन का रूटीन – एक भी चीज़ नहीं छूटती जिसपे सवाल न पूछा गया हो और इस बात पे बहुत गुस्सा आता है।

“मैं रेंट दे रही हूँ, तुम मुझे घर दो। बस!”

मेरे दिमाग में ये मोल-भाव कुछ ऐसे काम करता है : मैं रेंट दे रही हूँ, तुम मुझे घर दो। बस!

उसके आगे सारी चीज़ें म्यूच्यूअल रेस्पेक्ट पे चलती रहती हैं।

मुझे अपनी ज़िम्मेदारियाँ पता हैं। कोई फ़ालतू का कांड नहीं करना, ज़्यादा तेज़ गाने नहीं बजाना, घर को साफ़ सुथरा रखना और पड़ोसियों से ढंग से पेश आना।

Image result for girl's photo silhouette

लेकिन, अगर मेरी कुछ रेस्पॉन्सिबिलिटीज़ हैं, तो लैंडलॉर्ड की भी हैं। जिसमे से सबसे इम्पोर्टेन्ट है मेरी प्राइवेसी की इज़्ज़त करना। मुझे अपने घर आने की टाइमिंग, मेरे कपड़ों, मेरे दोस्त, मेरी सिगरेट और दारु पीने की आदत, मेरी सेक्शुअलिटी और पार्टनर के बारे में किसी को भी कुछ भी बताने की कोई ज़रूरत नहीं होनी चाहिए।

“टर्म्स एंड कंडीशन “

अब हम इस मुद्दे पे बात कर ही रहे हैं तो इसका एक और पहलू जान लें, जिसमे एक “हेट्रोसेक्षुअल” औरत, जो किसी मार्जिनलिस्ट कम्युनिटी से नहीं है, होने के हमारी सोसाइटी में फायदे तो हैं।

मैं अंदाज़ा भी नहीं लगा सकती कि होमोसेक्शुअल या किसी और मार्जिनलिस्ट कम्युनिटी में खुद कि पहचान करने वाले लोगों को घर ढूंढ़ते वक़्त क्या क्या सहना पड़ता होगा।

चालू करने से ही पहले तो उनके पास बहुत कम ऑप्शंस होते हैं, और जो मौजूद हैं उनके दाम आसमान छूते नज़र आते हैं। इसके ऊपर उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में एक भयंकर इंटरव्यू जोड़ दीजये और ये बन गई आपके लिए एंग्जायटी परफेक्ट रेसिपी।

आम तौर पे बात-चीत का माहौल कुछ ऐसा होता है: ब्रोकर और लैंडलॉर्ड आपके साथ बैठ आपको खुद ही के मन से बनाए हुए ‘टर्म्स’ समझाना चालू करते हैं।

ये एक बहुत ही मुश्किल सिचुएशन हो जाती है। जहाँ रूम में आप अकेली औरत हो, कुछ या कुछ भी नहीं के बीच बोलतीं हैं। और वो बार बार वही बातें दोहोरकर आपको कुछ बोलने का मौका ही नहीं देते।

Image result for girl's photo silhouette

मेरे साथ ऑफ़िस में काम करने वाली कलीग के लैंडलॉर्ड ने बोला उसे फर्क नहीं कि वो क्या काम करती हैं, एक टाइम से पहले आ जाओ नहीं तो गेट बंद पाओगी।

मेरी ये कलीग मेरी सीनियर हैं जो एक पूरी टीम का काम संभालतीं हैं। उन पे ऐसे पाबंदी लगाना ना तो सिर्फ बुरा व्यवहार हैं बल्कि उनकी प्रोफेशनल लाइफ में भी बाधा डालने का काम है।

घर ढूंढ़ना पहले ही एक मुश्किल काम है। आपको अपना सामान शिफ्ट करने और सेट करने में बहुत पैसा खर्च करना पड़ता हैं। ऐसे अनुभवों की वजह से ये पूरा प्रोसेस और भी मुश्किल हो जाता है और इस प्रॉब्लम को ठीक करना एक बहुत ज़रूरी काम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *