Factcheck Featured

ये है “नमस्ते” बोलने का लॉजिक , मिलते हैं चौंका देनेवाले फायदे

ये है “नमस्ते” बोलने का लॉजिक , मिलते हैं चौंका देनेवाले फायदे September 18, 2019Leave a comment

भारत में नमस्ते बोलने का एक अलग ही महत्व है, आज भी ” गुड मॉर्निंग” नमस्ते से आगे नहीं निकल पाया है. आमतौर पर हम नमस्ते तब बोलते हैं, जब किसी से मिलते हैं. क्या आप जानते हैं कि “नमस्ते” क्यों बोला जाता है! दरअसल ये शब्द संस्कृत के दो शब्द नमः +ते से मिलकर बना है. यहाँ नमः का मतलब ‘मेरा अहंकार’ झुकने से है. ‘मैं’ मेरा नहीं, यह भी नमः का एक और अर्थ है. इसका मतलब नमस्ते कहकर हम सामने वाले को एहसास दिलाते है कि मैं अहंकार छोड़कर आपका अभिवादन करता हूँ .

नमस्ते दोनों हाथों को जोड़कर किया जाता है. इसका अर्थ होता है आध्यात्मिक भाव से हम सामने वाले कि आत्मा को नमस्कार कर रहे है, जिससे हम कृतज्ञता और समर्पण की भावना जागृत करते हैं.यह भाव दूसरे के प्रति आदर कि भावना देता है और खुद का अहंकार कम करने में काफी सहायता करता है.

जब हम नमस्कार के लिए हाथ जोड़ते है तब जाने अनजाने में पृथ्वीतत्व का भी आवाहन करते है.इससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है , और नमस्कार करने वाले दोनों व्यक्तियों के बीच की नकारात्मक स्पंदन कम होता है. आप जानते ही होंगे कि नमस्कार अपने से छोटे, बराबर आयु के, बड़े, मित्र अपरिचित सभी को निस्वार्थ भाव से किया जाता हैं, इससे सामनेवालों के साथ गहरा रिश्ता बनता है.

नमस्ते करने के फायदे
– आपका अहंकार खत्म हो जाता है
– सकारत्मक ऊर्जा का निर्माण होता है
– आप सबको समान नजरिया से देखने लगते है
-शरीर के अंदर आध्यत्मिक भाव पैदा होता है
– नम्र और शांत व्यव्हार करने लगते है
– लोगों से जुड़े रहना अच्छा लगता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *