पेरिस के एफिल टॉवर से भी ऊँचा और क़ुतुब मीनार से भी पाँच गुना ज़्यादा लम्बा यह चेनाब रेल ब्रिज भारत के ताज जम्मू-कश्मीर में बन रहा है। यह पुल्ल रियासी डिस्ट्रिक्ट में बक्कल और कौड़ी के बीच बनाया जा रहा । यह पुल कटरा और बनिहाल के बीच 111 किलो मीटर के रास्ते को जोड़ेगा और इस ब्रिज में 24000 टन लोहे का इस्तेमाल किया जा रहा है।
आइए दुनिया के सबसे बड़े रेल ब्रिज के बारे में जानते हैं
– यह रेल ब्रिज जम्मू-कश्मीर की चेनाब नदी के ऊपर बनाया जा रहा है।
– इस ब्रिज की ऊँचाई 1,178 फ़ीट यानी 359 मीटर्स होगी।
– यह प्रोजेक्ट तक़रीबन 1100 करोड़ रूपए की लागत से तैयार होगा।
– यह पुल 260 किलोमेटे से चल रही हवा को भी झेलने की क्षमता रखता है।
– यह प्रोजेक्ट 2002 में श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान ही शुरू कर दिया गया था।
– साल 2008 में इसे असुरक्षित बताते हुए इसका काम रोक दिया गया था।
– साल 2010 में इसका काम फिर से शुरू किया गया और इसे राष्ट्रिय परियोजना भी घोषित किया।
– यह पुल पूरा होने के बाद बेईपैन नदी पर बने चीन के शुईबाई रेलवे पुल (275 मीटर) का रिकॉर्ड तोड़ेगा।
सेंसर्ज का का होगा इस्तेमाल
हवा की गति को मांपने के लिए भारतीय रेलवेज़ ब्रिज पर सेंसर्ज का इस्तेमाल करेगी। अगर हवा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे से ज़्यादा बढ़ती है तो उसी वक़्त सिग्नल दे कर ट्रैन को रोक दिया जाएगा। ख़बर अनुसार यह ब्रिज तक़रीबन 120 साल स्थिर खड़ा रह सकता है और 260 किलोमीटर प्रति घंटे से चल रही हवा को सहने की क्षमता रखेगा। DRDO और भारतीय रेलवेज़ मिल कर इस ब्रिज को इस तरह से बना रहे हैं कि यह ब्रिज टेरर ब्लास्ट को भी सेह सके। इस ब्रिज को बनाने में 63 mm मोटा ब्लास्ट प्रूफ स्टील का भी इस्तेमाल हो रहा है। यह ब्रिज जर्मनी और फ़िनलैंड के कंसल्टेंट्स कि सहायता से बनाया जा रहा है।
सिर्फ यही नहीं, ब्रिज को इस तरह से डिज़ाइन करा जा रहा है कि वह रिक्टर स्केल पर 8 तक का माफ्निटयूड सेह सके। हालांकि यह जगह भूकंप के ज़ोन 4 कि गिनती में आती है उसके बावजूद भी यह ज़ोन 5 कि इंटेंसिटी पर बनाया जा रहा है, जो अब तक का भारत का सबसे हाईएस्ट ज़ोन है ।ग़ौर करने वाली बात यह है कि भारतीय रेलवेज साथ ही में तीन बड़े टनल्स भी बना रही है।
यह ब्रिज बहुत सालों से बन रहा है और पाँच हज़ार मज़दूर पिछले 14 साल से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।जिस स्पीड से इस ब्रिज का काम चल रहा है, इस ब्रिज का कंस्ट्रक्शन साल 2019 में पूरा हो जाएगा और भारत फिर से एक बार सुर्ख़ियों में होगा!