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जानें ‘रक्षाबंधन’ का महत्व और मान्यताएँ !

जानें ‘रक्षाबंधन’ का महत्व और मान्यताएँ ! August 14, 2019Leave a comment

भाई बहन का बंधन बहुतही पवित्र होता है। यह एक ऐसा रिश्ता है जो पूरे संसार में सबसे पवित्र माना गया है। इसी निर्मल रिश्ते को पूरा भारत एक त्योहार के रूप में मनाता है, ‘रक्षाबंधन’!
इस बार रक्षाबंधन का त्योहार गुरुवार को है इसलिए इस का महत्व और बढ़ गया है. इस दिन भद्रकाल नहीं है और नही कोई ग्रहण है. यही वजह है कि इस बार रक्षाबंधन शुभ संयोग और सौभाग्यशाली है ।


‘रक्षाबंधन’ एक ख़ास हिन्दू त्योहार है। राखी का वास्तविक अर्थ भी यही है कि किसीको अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। इस दिन बहनें भाइयों को राखी बांधकर अपने जीवन की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी सौंपती हैं। यह त्योहार श्रावण महीने की पूर्णिमा की रात को मनाया जाता है।

आइए रक्षाबंधन के बारे में कुछ अनोखी बातें जानते हैं ।

– रक्षाबंधन ‘ रक्षापूर्णिमा’ , ‘ राखी’ और ‘रखरी’ के नाम से भी जाना जाता है ।
– रक्षाबंधन सिर्फ हिन्दू ही नहीं, बल्कि मुसलमान, बुद्धिस्ट, ईसाई और सिख धर्म द्वारा भी मनाया जाता है ।
– हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार, देवराज इंद्र की पत्नी , इंद्राणी ने उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें एक धागा बाँधा था जब राक्षसों के ख़िलाफ़ युद्ध पर जा रहे थे। आगे चलकर यह प्रथा भाइयों और बहनों के बीच होने लगी।
– इस त्योहार पर भाई अपनी बहन को शगुन पैसों के साथ-साथ तोहफा भी देता है।
– राखी का त्योहार सिर्फ भारत के साथ-साथ नेपाल, मोरिशियस, यूएसए ,श्रीलंका, यूएई में भी मनाया जाता है
– यह कथा बहुत लोगों को मालुम नहीं है पर द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को एक बार राखी बाँधी थी
– भारत के इतिहास में जाएँ तो बंगाल के बंटवारे के दौरान भारतवासियों ने रक्षा और बिछड़ने के ग़म में एक दूसरे को राखी बाँधी थी।
-मुग़ल काल में बादशाह हुमायूं चितौड़ पर आक्रमण करने के लिए तैनात था। राणा सांगा की विधवा कर्मवतीने हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा वचन लिया, जिस के कारण वह आगे आक्रमण नहीं कर सका।
भारत में रक्षाबंधन मनाने के कई धार्मिक और ऐतिहासिक कारण हैं। आशा करते हैं आपका यह रक्षाबंधन स्नेह पूर्ण हो!

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