इस बार 2019 का लोकसभा चुनाव काफी रोमांचक रहा. 17 वीं लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोटर्स ने वोट किया है. भारत ने लोकसभा चुनाव में 67.36% पर अपना उच्चतम मतदान दर्ज किया, यह 2014 के चुनाव की तुलना में 1% अधिक है. पहली बार, वोटर्स में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की थी. महिलाओं ने 13 राज्यों में पुरुषों को भी पछाड़ दिया. यह ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि भारत में रूरल क्षेत्र तक पहुँचने में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए, ये संख्या काफी महत्वपूर्ण है. इसके साथ जानें और कौन-कौनसी चीजों में बदलाव आया है.
इस बार का चुनाव कई मायनों में अहम था, महिलाओं के प्रदर्शन ने एक इतिहास रचा, जहाँ सबसे अधिक संख्या में महिला सांसद (MP) चुनी गईं.इस बार लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब 14% है. एक और अच्छा बदलाव यह आया है कि सांसदों की औसत आयु घटकर 54 साल कर दी गई है. इस बार लगभग 12% सांसद 40 वर्ष से कम आयु के हैं.
कुल 716 महिला उम्मीदवारों ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा. जिसमें से, 78 महिलाएं चुनी गईं ध्यान देने वाली बात है कि 2014 में सिर्फ 62 महिला सांसद थीं, जानें कुछ सबसे कम उम्र के महिला सांसदों के बारे में :
चंद्राणी मुर्मू
25 साल की चंद्राणी मुर्मू ने एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है. वह ओडिशा के क्योंझर से लोकसभा सीट जीत कर सबसे कम उम्र की युवा महिला सांसद बनी हैं. इंजीनियरिंग करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं दे रही चंद्राणी MP बनी. उन्होंने बीजेपी के दो बार सांसद बने अनंत नायक को हराया.
नुसरत जंहा
29 वर्षीय बंगाली एक्ट्रेस नुसरत ने पश्चिम बंगाल के बशीरहाट की सीट पर जीत दर्ज कर MP बनी . तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर वह 3.5 लाख वोटों से चुनाव जीतीं.
मिमी चक्रवर्ती
30 वर्षीय बंगाली एक्ट्रेस मिमी ने पश्चिम बंगाल के जादवपुर से लगभग 3 लाख वोटों से सीट जीती. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
रक्षा खडसे
32 वर्षीय रक्षा खडसे ने महाराष्ट्र के जलगाँव में रावेर लोकसभा सीट से जीत हासिल की. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. रक्षा खडसे 16वीं लोकसभा की युवा सांसद थी.
हालांकि यह एक अच्छा संकेत है कि भारतीय राजनीति में पिछले कुछ वर्षों में महिला सांसदों की संख्या बढ़ रही हैं. फिर भी ये अन्य देशों के मुकाबले कम हैं जैसे की , रवांडा (61%), दक्षिण अफ्रीका (43%), यूके (32%), संयुक्त राज्य अमेरिका (24 %) और हमारे पड़ोसी देश, बांग्लादेश (21%). फिर भी, लगता है की देश सही दिशा में जाते हुए एक बेहतर भविष्य की ओर कदम रख रहा है.