“वर्ल्ड फ़ूड डे” हर साल 16 अक्टूबर को पूरी दुनिया में, FAO (Food And Agricultural Organization ) और उसके योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस लोगों को विश्व में फैले भुखमरी और खाद्य सुरक्षा से सम्बन्धी समस्याओं के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है।
“वर्ल्ड फ़ूड डे” हर साल एक खास विषय पर ध्यान एकाग्रित करता है। 2019 का विषय #ZeroHunger World के विचार के इर्द गिर्द घूमता है। #ZeroHunger का उद्देश्य एक भुखमरी से मुक्त दुनिया बनाने का है। यह खास तौर पर ग्लोबलाइजेशन, अरबनाइज़ेशन बदले खाना खाने की आदतों से होने वाली भुखमरी का ख़ात्मा करने की तरफ एक कदम है।
हमारी तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में फ़ास्ट फ़ूड और रेडी मेड मील का चलन इस कदर बढ़ गया है की हमने पौष्टिक आहार खाना और बनाना लगभग बंद ही कर दिया है।
FAO के मुताबिक से 5 -18 की आयु में आने वाले लगभग 67 करोड़ लड़के और 12 करोड़ लड़कियाँ मोटापे का शिकार हैं। साथ ही साथ विश्व में लगभग 820 मिलियन लोग भुखमरी के शिकार माने जा रहे हैं।
विश्व में इस दिन कई जगह कैंप लगाए जाते हैं, जिनकी मदद से लोगों को बेहतर और संतुलित आहार खाने एवं भुखमरी की समस्या को जल्द से जल्द ख़त्म करने के लिए प्रेरित किया जाता है। भारत में अक्सर बहुत से लोग ग़रीबों को खाना खिला कर, या तो खाना सहेज कर इस दिन का सम्मान करते हैं। भारतीय संस्कृति में “अन्न” को पूजनीय माना गया हैं, जिस कारण लोग इस दिन को किसी पर्व की तरह भी मनाते हैं।
इस दिवस का मुख्य लक्ष्य दुनिया के लोगों और बड़ी से बड़ी संस्थाओं को भुखमरी की गंभीरता से वाक़िफ़ करना हैं। जागरूकता फ़ैलाने से बहुत से लोग, भले ही निजी तौर पर हो या राष्ट्रीय योजना के तौर पर, इस समस्या का समाधान निकालने में लगे हैं। जो की इस दिवस को और भी महत्व बनाता है।