62 % प्रतिशत बालिगों ने माना है की उन्हें रात में नींद पूरी तरह से नहीं आती है। नींद पूरी होना इंसान के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। आधी नींद ले कर इंसान सिर्फ अपने शरीर को हानि ही पहुँचाता है। पर नींद पूरी करने के मामले में हम भारतीय सबसे तेज़ हैं। भारत के बाद सऊदी अरब और तीसरे स्थान पर चीन है।अनिद्रा की आदत को लेकर सबसे बुरी हालत दक्षिण कोरिया की और जापान की है। इस बात का खुलासा एक सर्वे की मदद से हुआ है। फिलिप्स ने यह ग्लोबल मार्किट रिसर्च ने 12 देशों में कंडक्ट करा था। 18 साल और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों के ज़रिये इस सर्वे का यह नतीजा निकला। सर्वे में 11,006 लोगों ने भाग लिया था।
क्या कहता है सर्वे?
-विश्व के व्यसक सामान्य तौर पर हफ्ते में 6-8 घंटे की ही नींद ले पाते हैं।
– छुट्टी के दिन, रात को विश्व के व्यसक 7-8 घंटे की नींद लेते हैं।
-हर दिन आठ घंटे की नींद पूरी करने के लिए 10 में से 6 बालिग वीकेंड में ज़्यादा सोते हैं।
-10 में से 4 बालिगों का कहना है की पिछले 5 सालों से अधूरी नींद ही मिल रही है।
-सिर्फ 26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें भरपूर नींद मिलती है।
-31 प्रतिशत ने कहा कि उनकी स्लीपिंग हैबिट्स में कोई बदलाव नहीं आया।
-इस सर्वे के मुताबिक़ कनाडा (63%) और सिंगापूर(61%) में लोगों को सबसे ज़्यादा नींद से जुड़ी परेशानियाँ हैं।
हमारा लाइफस्टाइल हमारी नींद को बहुत प्रभावित करता है। हमारी अधूरी नींद इन 5 कारणों से पूरी नहीं होती है-
-54 % बालिग तनाव के कारण अधूरी नींद ही ले पाते हैं।
-40 % बालिग पर्यावरण के कारण पूरी नींद नहीं ले पाते हैं।
-37 % अपने स्कूल और प्रोफेशनल लाइफ के कारण पूरी नींद नहीं ले पाते हैं।
-36 % एंटरटेनमेंट के कारण अधूरी नींद लेते हैं।
-32 % हेल्थ इशूज़ के कारण पूरी नींद नहीं ले पाते हैं।
आज की भागा दौड़ में हम अपने स्वास्थय पर ध्यान न दे कर बाकी और चीज़ों में बिज़ी रहते हैं। पर असल में देखा जाए तो स्वास्थय से बढ़ कर कुछ भी ऊपर नहीं है।