हिन्दू धर्म सबसे पुराना धर्म माना जाता है, हिन्दू धर्म की सारी मान्यताओं के पीछे विज्ञान जुड़ा हुआ है। पूजा से ले कर, विवाहित औरतों का सिन्दूर लगाना, हर एक के पीछे विज्ञान है।
क्या आपने कभी सोचा है शादी के बाद ही हिन्दू औरतें सिन्दूर क्यों लगाती हैं? बिछिया क्यों पहनने लगती हैं? हिन्दू औरतें कुछ ऐसे रीती रिवाज़ निभाती हैं जिनके पीछे विज्ञान कारण है।
तो आइए, इस विषय पर नज़र डालते हैं!
1) शादी के बाद पैरों में बिछिया पहनना-
शादी के बाद बिछिया पहनना सिर्फ शादी-शुदा औरत कि पहचान ही नहीं है। इसके पीछे विज्ञान है। बिछिया पैर के दूसरे अंगूठे पर पहनी जाती है क्यूंकि वहाँ एक नस मौजूद है जो यूटेरस को दिल से सम्बद्ध करती है। बिछिया पहनने से यूटेरस मजबूत होता है और ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा होता है। सिर्फ यही नहीं, मेंस्ट्रुअल साइकिल भी स्वस्थ रहती है।
2) शादी के दौरान हाथों पर मेहँदी:
शादी के दौरान मेहँदी का इस्तेमाल श्रृंगार के रूप में तो किया ही जाता है पर क्या आप जानते हैं कि मेहँदी दरसल आपके मानसिक तनाव को दूर करने के लिए होती है? शादी का माहौल बहुत तनाव दे सकता है। दिमाग को ठंडा करने के लिए मेहँदी का इस्तेमाल किया जाता है।
3) सिन्दूर लगाना:
सिन्दूर हल्दी-नीबू और मेटल मरकरी के मिश्रण से बनता है। मरकरी से सेक्शुअल लाइफ बेहतर होती है। यही कारण है कि सिन्दूर सिर्फ शादी-शुदा औरतें ही लगाती हैं। मरकरी से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। सिन्दूर को पिट्यूटरी ग्लैंड तक लगाना चाहिए, क्यूंकि वह हमारी भावनाओं का केंद्र है। मरकरी से तनाव भी दूर होता है।
4) चूड़ियाँ पहनना:
अगर आपने कभी गौर किया हो तो हमारी पल्स बीट और चूड़ियाँ एक ही जगह पर मौजूद होती हैं। लगातार चूड़ियां पहनने से कलाई और चूड़ियों में फ्रिक्शन बनता है जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
5) शादी के बाद मंगलसूत्र :
आयुर्वेद के हिसाब से मंगलसूत्र सोने का बना होना चाहिए। मंगलसूत्र को हृदय के करीब ही पहनना चाहिए। सोने में कॉस्मिक वेव्स को आकर्षित करने की क्षमता होती है। हृदय के क़रीब और कॉस्मिक वेव्स के कारण दिल की बीमारियां होने की काम आशंका होती है। मंगलसूत्र से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
मंगलसूत्र से इम्यून सिस्टम अच्छा होता है और ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है।
हिन्दू धर्म रहस्यों से भरा धर्म है। हिन्दू धर्म की हर परंपरा, रीति-रिवाज, ज्ञान और विज्ञान के रहस्य छिपे हुए हैं।