इंडियन रेल में सफ़र करते वक़्त यात्री एक अलग अनुभव से गुज़रते हैं. जब भी ट्रेन से यात्रा करते हैं तब ट्रेन में ट्रांसजेंडर पैसे लेने ज़रूर आते हैं. वो उन पैसों को अपना हक़ समझते हैं और नहीं मिलने पर तमाशा करते हैं. पर क्या ये पैसे सच में इनका हक़ है और नहीं मिलने पर इतना तमाशा करने का इन्हें हक़ किसने दिया.
रेल मंत्रालय ने बताया कि पिछले चार सालों में यात्रियों से पैसे वसूली को लेकर 73,000 से अधिक ट्रांसजेंडरों को गिरफ्तार किया गया. सिर्फ पिछले साल ही 20,000 से ज्यादा ट्रांसजेंडरों को गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने बताया कि यात्री चलती ट्रेनों में ट्रांसजेंडरों द्वारा परेशान किये जाने और पैसे वसूली को लेकर शिकायत करते हैं. ट्रांसजेंडरों को पैसे देने से मना करने की नौबत में शारीरिक उत्पीड़न का भी मामला सामने आया है.
उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ऐसी घटनाओं की जाँच के लिए नियमित रूप से विशेष अभियान चला रहा है. रेलवे ने ये जानकारी आरटीआई के तहत पूछे गये सवाल के जवाब के तौर पर दी. रेल मंत्रालय ने कहा कि 2015 से इस साल जनवरी तक कुल 73,837 ट्रांसजेंडर गिरफ्तार किए गए. रेलवे की इस पहल के चलते यात्रियों के लिए सफ़र करना अब थोड़ा आसान हो गया है.