“तलक्कड़ रेत से भर जाएगा! मैसूर राजवंश को कभी कोई संतान नसीब नहीं होगी! मलिंगी पानी में डूब जाएगा !” यह शाप देकर अलामेलम्मा कावेरी नदी में छलांग मार दी। मैसूर राजवंश में पिछले 550 सालों से कोई बेटा नहीं पैदा हुआ है। कहते हैं 1612 में अलामेलम्मा के शाप से तलक्कड़ रेगिस्तान में तब्दील हुआ, जो कर्नाटक में स्थित है। कर्नाटक जैसे तटस्थ राज्य में रेगिस्तान, थोड़ा अटपटा है ना? इस अटपटी चीज़ का विज्ञान भी उत्तर नहीं दे पाया।
कौन थी अलामेलम्मा? क्यों दिया था वो शाप? क्या कहानी है तलक्कड़ की इस दशा की? तो आइए, आज हम तलक्कड़ में बारे में विस्तार से बात करते हैं!
तलक्कड़ की कहानी
माना जाता है 16वी शताब्दी में राजा वाडियार ने श्रीरिंगपट्टम पर हमला कर विजय हासिल की। परिणाम स्वरूप पराजित राजा तिरुमाला को अपनी गद्दी छोड़नी पड़ी। इस हार के बाद राजा अपनी पत्नी अलामेलम्मा के साथ तलक्कड़ नाम की जगह पर रहने लगा। राजा तिरुमाला की मृत्यु के बाद अलामेलम्मा ने अपने आभूषण श्रीरिंगपट्टम की कुल देवी श्रीरंगनायकी को दान दे दिया। ख़ास दिनों पर श्रीरंगनायकी उन आभूषणों का इस्तेमाल करती और इस्तेमाल के बाद वह आभूषण अलामेलम्मा के हिफाज़त में वापस आ जाते। मंदिर के पुजारियों ने आवाज़ उठायी और कहा कि वह आभूषण उनके पास होने चाहिए। अलामेलम्मा इसके लिए राज़ी नहीं हुई। राजा वाडियार ने उन आभूषणों को ज़ब्त करने के लिए अपनी सेना भेजी। अलामेलम्मा ने अपने आभूषणों के साथ कावेरी नदी में छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली और कूदने से पहले शाप दिया, “तलक्कड़ रेत से भर जाएगा, मैसूर राजवंश को कभी कोई संतान नसीब नहीं होगी!” शायद इस शाप के कारण ही आज तक मैसूर राजवंश में कोई बेटा नहीं जन्मा और तलक्कड़ रेगिस्तान में बदल गया!
मूर्ति की स्थापना
जब यह बात राजा को पता चली तो वह डर गया। भय से उसने अपने महल में अलामेलम्मा की मूर्ति की स्थापना की। नियमित तौर पर पूजा होने के बावजूद भी कोई बदलाव नहीं आया और राजा वाडियार के बेटे की अकाल मृत्यु हो गई। तबसे लेकर आजतक मसूर राजवंश में एक भी बेटा नहीं जन्मा। आज भी इस मूर्ती की देवी के रूप में पूजा होती है पर इसका कोई ख़ास असर नहीं पड़ा। आज भी मैसूर के वंश को बढ़ाने के लिए परिवार को उत्तराधिकारी के रूप में किसी को गोद लेना पड़ता है।
तलक्कड़ पांच शिव भगवान के मंदिरों के लिए और पर्यटन के लिए भी मशहूर है। माना जाता है कि शाप के कारण वहाँ मौजूद मंदिर रेगिस्तान के नीचे दब गए । अनुमान है कि तक़रीबन 30 मंदिर रेगिस्तान के नीचे दबे हैं। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया की ख़ोज जारी है।
तलक्कड़ भारत की सबसे रहस्य्मयी जगहों में से एक है। यह सोचने वाली बात है कि एक शाप कितनी तीव्रता से किसी के जीवन पर प्रभाव डाल सकता है।