अब बारिश के मौसम में गरम-गरम पकौड़े किसे नहीं पसंद। वो मुँह में रखते ही पिघल जाने वाले पकौड़े खाने का मज़ा ही कुछ और है। और कुछ मेरे जैसे खाने के शौकीन लोग तो सोचते हैं, “भाई सीधा कढ़ाई से निकले हुए ही खाऊंगा, बिल्कुल ठंडे नहीं होने चाहिए “।
हम तो भले ही मज़ाक में बोल देते हैं, लेकिन दिल्ली के श्री प्रेम सिंह जी वाकई में आपकी ये तमन्ना पूरी कर सकते हैं। हाँ, ये अपने हाथों से पकौड़े तलते हैं और विश्वास कीजिए जब मैं बोलूं “हाथों से तलते हैं” तो मेरा मतलब, ये बाक़ायदा गरम तेल में अपने हाथ डाल कर पकौड़े तलते हैं ।
क्यों? चौक गए?
ये आपको दिल्ली के करोल बाघ में “गणेश रेस्ट्रॉन्ट” पे मिलेंगे। जहाँ ये 30 से भी ज़्यादा सालों से ऐसे ही कभी फ़िश फ्राई तो कभी पकौड़े बनाते हैं। अभी 70 साल के प्रेम सिंह जी ने ये अनोखी तकनीक अपने पिता जी से सीखी थी, जिन्होंने 1970 के ज़माने में ये रेस्ट्रॉन्ट खोला था।
लेकिन गणेश रेस्ट्रॉन्ट बस प्रेम सिंह जी की तकनीक के लिये मशहूर नहीं है। पकौड़े खाने के शौकीन पिछले 40 सालों से इधर गणेश रेस्ट्रॉन्ट की क्वालिटी के लिये आते हैं।
इन्हीं सब चीज़ों के कारण, प्रेम सिंह जी और उनका रेस्ट्रॉन्ट सिर्फ़ लोकल लोगो में ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय तौर पे भी मशहूर हो रहा है।आख़िर इंडिया को इनक्रेडिबल ऐसे ही नहीं बोलते। कुछ भी मुमकिन करने का तरीका निकाल ही लेते हैं हम लोग।