किसी नेता का नाम लेते ही मन में किसी संपन्न व्यक्ति की छवि उभरकर आती है लेकिन एक ऐसे भी सांसद हैं जो किसी बड़ी गाड़ी में नहीं बल्कि साइकिल से चलते हैं और आम लोगों की तरह ही अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं. जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पूर्व सांसद राम सिंह अहिरवार की, जो बुंदेलखंड के रहने वाले हैं.
इनकी साधारणता को देखकर लोग इन्हें साइकिल वाले नेताजी कहकर भी बुलाते हैं. वर्ष 1967 उन्होंने जनसंघ के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और अपनी जीत दर्ज कराई. उन्होंने दर्शनशास्त्र से ग्रेजुएशन और इंग्लिश से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. गाड़ी न होने पर वे कहते हैं कि उन्हें अपने जीवन में कभी भी उसकी आवश्यकता ही महसूस नहीं हुई.
पिछले साल उन्हें लकवा भी मार गया लेकिन वे आज भी अपनी साइकिल से ही चलते हैं और समय मिलने पर बीड़ी भी बना लिया करते हैं, जिससे उनकी कुछ कमाई भी हो जाया करती है. लकवे की वजह से उन्हें बोलने में थोड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है लेकिन उनके हौसले आज भी बुलंद हैं.
राम सिंह के पडोसी गोविन्द का कहना है कि उनकी सोच अन्य नेताओं से बिलकुल अलग है. वे एक ईमानदार छवि के नेता हैं जिन्होंने अपने समय में केवल जनता की सेवा पर ही ध्यान दिया और अपने लिए कोई संसाधन नहीं जुटाए. इतने बड़े पद पर होने के बाद भी आज वे बीड़ी बनाकर अपने जीवन का गुज़ारा करते हैं, जिससे यह अंदाजा लग जाता है कि वे कितने ईमानदार हैं.