गुरुग्राम एक ऐसा गांव जिसे ‘ सेंचुरी ऑफ़ क्रिकेट ग्राउंड्स’ के नाम से भी जाना जाता है. यंहा के एक किसान ने अपनी इच्छा शक्ति के दम पर पुरे गांव की किस्मत बदल दी. आज इस गांव में 100 से भी ज्यादा हाई क्वालिटी क्रिकेट ग्राउंड है. जो जमीन कभी बंजर खेत हुआ करते थे वही आज किसानों को लाखों में मुनाफा कमा कर दे रहे हैं. आज यही जमीन गांव के आस-पास के लोग और स्टूडेंट्स को रोजगार दे रहा है, साथ में हज़ारों युवाओं के क्रिकेट खेलने के सपनों को ज़िंदा रख रहा है.
ऐसी तरकीब जिस से बदली किसानों कि किस्मत
गुरुग्राम के कई किसानों ने अपनी खेतों को हाइ क्वालिटी क्रिकेट ग्राउंड्स में बदल दिया है. पानी की कमी, और शुष्क मौसम की वजह से ज़मीन बंजर हो गई थी. ऐसी ज़मीन से गेहूं या सरसों का उत्पादन होना मुश्किल था. गुरुग्राम में उन दिनों क्रिकेट का क्रेज़ बढ़ रहा था , इस वजह से किसानों ने एक साथ एक अनोखा बिसनेस आईडिया खोज निकाला. उन्होंने अपने खेत क्रिकेट खेलने के लिए यहां के कॉर्पोरेट एम्प्लॉईज़ को देना शुरू कर दिया. क्यों की यह ग्राउंड गुड़गांव के फारुखनगर रोड, सुल्तानपुर पर स्थित बड़े IT हब के बीच है इस वजह से यहाँ हर रोज़ क्रिकेट की बुकिंग रहती है .
ऐसे होने लगा लाखों में मुनाफा
किसान इन ग्राउंड के लिए अपनी जमीन 3,20,000 रुपये के हिसाब से लीज पर देते हैं. किसानों को तो इस से फायदा होता ही है पर साथ ही पास के इलाकों में रहने वाले मजदूरों को भी यहां काम मिलता है. एक ग्राउंड पर कम से कम 20-25 लोगों को काम मिलता है. कुछ स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं जो कैंटीन चलाते हैं, उनकी भी यहां कमाई हो जाती है. शुरू में सिर्फ 3 ग्राउंड बनाए गए थे,बाद में उनकी संख्या 100 से भी ज्यादा हो गई. इन ग्राउंड्सपे हर दिन 3 मैच खेले जाते हैं. हर टीम को खेलने के लिए लगभग 3 से 5 हजार का रेंट देना पड़ता है.
एक मैच से10-12 हजार रुपए तक की कमाई हो जातीहै. उस हिसाब से हर दिन 24 से 30 हजार कि कमाई होती है. इसके आलावा डे-नाईट मैचेसके रेंट और भी महंगे होते हैं. इन सबसे जो रकम इकट्ठा होती है उससे अम्पायर्स की फीस, स्टंप्स, बॉल जैसे सामग्री का खर्चा निकलता है.साथ में कॉलेज के स्टूडेंट्स वीकेंड्स में यहां कैंटीन चलाते है जिस से उनकी कमाई होती है.
ऐसे बढ़ने लगी ग्राउंड कि डिमांड
‘टर्फ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट’ के मालिक और अनुभवी मैच आयोजकों में से एक सचिन खुराना कहते हैं , “पिछले कुछ वर्षों में अच्छे क्रिकेट मैदानों की मांग बढ़ी है. कई पूर्व क्रिकेटर हैं, जो सोचते हैं कि लीज पर जमीन लेना और उससे पैसा बनाना आसान है. आप पैसे कमाने के लिए सिर्फ एक जमीन पर निर्भर नहीं रहते. हम क्रिकेट अकादमियां भी चलाते हैं और कई इंटरनेशनल क्रिकेट टूर्नामेंट भी आयोजित करते हैं ”.
ये ग्राउंड्स बड़ों से लेकर बच्चों तक सभी को आकर्षित करता है ,जो अपने रोजके काम या अकादमीसे थोड़ा ब्रेक चाहते हैं. क्रिकेट लवर्स के लिए बेहद ख़ुशी कि बात है क्यों कि उन्हें काफी कम कीमत पर ऐसे आलीशान ग्राउंड्स पर खेलनेको मिलता है. इसके साथ सभी स्पोर्ट्स सामग्री, फ्लडलाइट्स, शावर, कैंटीन जैसी अन्य फैसिलिटीज़ भी मिलती हैं जो एक प्लेयर के लिए आवश्यक हैं. इसे शुरू करने से पहले ये मैदान बिना फैसिलिटी के बंजर जमीन हुआ करते थे .यही आज गांव के किसानों के लिए इनकम सोर्स बन चुका है.