विश्व का सबसे बड़ा सोलर कुकर भारत में स्थापित है। महाराष्ट्र के शिरडी में नियमित तौर पर 3,500 kg भाँप उत्पादित होती है जो तकरीबन 20,000 तीर्थ यात्रियों के भोजन को बनाने के लिए प्रयोग होती है. इसकी विशेषता ये है की यह ग्रिड बिजली के बग़ैर भी काम करता है. यह वातावरण के बहुत ही अनुकूल है. सोलर एनर्जी के भाँप की उत्पत्ति से 100,000 kg वार्षिक गैस की बचत भी हो रही है.
आज की टेक्नोलॉजी का एक बेहतरीन उपकरण
ये सोलर सिस्टम का इन्वेंशन इस प्रकार करा गया है की बिजली न भी तो तो भी वह प्रयोग में रह सकता है. सोलर कुकर आज की टेक्नोलॉजी का एक बेहतरीन उपकरण है.
सोलर कुकर के लाभ :
1) यह पर्यावरण के अनुकूल है।
2) इससे गैस या बिजली पर निर्भरता ख़त्म हो जाती है।
3) इससे मोनो-ऑक्साइड का फैलाव भी कम होता है, जिससे वातावरण ठंडा रहता है।
4) इससे पैसों की भी बचत होती है।
शिरडी का सोलर कुकर 1.33 करोड़ रुपयों में स्थापित हुआ था. यह सोलर सिस्टम आज के युग के लिए एक वरदान है. बढ़ते प्रदूषण के कारण वातावरण का हाल बेहाल है. ऐसी टेक्नोलॉजी की सहायता से हम नॉन-रिन्यूएबल रेसोर्सेज़ की बचत कर सकते हैं.